ISV प्रोग्राम के माध्यम से बिहार का सम्पूर्ण आर्थिक विकास और विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।


animesh isv program

ISV प्रोग्राम को बिहार में लागू करने से राज्य की प्रमुख समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। यह प्रोग्राम निम्न लिखित के लिए है:


  • स्थानीय मूल्य / वस्तुएँ को प्रोत्साहित करना।
  • लम्बे समय तक आर्थिक विकास को अधिकतम करना।
  • आर्थिक विविधीकरण को बढ़ाने में सहयोग करना।
  • व्यापार के विभिन्न पहलुओं को सुधारना।

  • बिहार के लिए यह प्रोग्राम बहुत ही महत्वपूर्ण है ताकि व्यापार के हर हिस्से में मूल्य बनाया जा सके और समय के साथ अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सके।


    ISV प्रोग्राम राज्य में निर्मित वस्तुएं एवं राज्य की कंपनियों द्वारा दी जा रही सर्विस की प्राथमिकता को मान्यता देगा। ISV का उद्देश्य है बिहार में और अधिक निवेशकों को आकर्षित करना, अर्थव्यवस्था को विविधीकृत करना, अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना, और बिहार के लोगो को कौशल और अनुभवी बनाना।


    बिहार में ISV प्रोग्राम यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार में खर्च करने वाले कुल पैसे का 70% बिहार में ही रहे। इससे एक अच्छा व्यापारिक वातावरण बनेगा जो कई नए नौकरियां प्रदान कर सकता है। यह बिहार को अंतरराष्ट्रीय व्यापारों के लिए और भी आकर्षक बनाएगा।

     

    ISV प्रोग्राम में कौन-कौन भाग ले सकेंगे और इससे कौन-कौन सा लाभ होगा ?


    • बिहार सरकार के साथ काम करने वाले निर्माता, सेवा प्रदाता और ठेकेदार ISV प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं।
    • स्थानीय निर्माता, सेवा प्रदाता जो बिहार के लोगो को अपनी सर्विस और प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं, वो सभी ISV प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं।

    बिहार सरकार को उन्हें उनके ISV प्रतिशत के आधार पर ठेके और अतिरिक्त लाभ या वित्तीय सहायता दिया जाएगा। अगर ISV प्रतिशत अधिक है तो उन्हें बिहार में बेहतर विकास करने के कारण बिहार सरकार से और भी अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।


    बिहार में व्यापारिक कंपनियों और वितरकों को ISV स्कोर शून्य के रूप में आवंटित किया जाता है। यह इसलिए है क्योंकि उन्होंने सामान्यत: राज्य के विकास में बहुत कुछ मूल्य नहीं जोड़ता है।


    बिहार में ट्रेडिंग, डिस्ट्रीब्यूटरशिप वाली और केवल सेल्स ऑफिस वाली कंपनियों को ISV स्कोर शून्य आवंटित किया जायेगा । यह इसलिए क्योंकि ऐसी कंपनियां सामान्यत: राज्य के विकास में कोई योगदान नहीं देंगे। हालांकि, यदि कोई कंपनी ट्रेडिंग या वितरण या सेल्स ऑफिस की सामान्य भूमिका से आगे बढ़ती है, जैसे कि बिहार के लोगों के लिए उत्पादों को संरचित करना, उत्पाद को स्थापित करना, या रख - रखाव प्रदान करना, तो वैसी कंपनियां ISV स्कोर का अनुरोध कर सकती है और उन्हें ISV स्कोर प्रदान भी किया जाएगा। यह स्कोर उन्हें उनके ISV प्रतिशत के आधार पर बिहार सरकार से लाभ और वित्तीय समर्थन प्राप्त करने में मदद करेगा।

     

    ISV (इन-स्टेट वैल्यू) प्रोग्राम से सम्बंधित और अधिक जानकारी :

     

    ISV प्रोग्राम के विषय में सभी जानकारी और महत्वपूर्ण विवरण एक दस्तावेज़ में होंगे जिसे ISV फॉर्म कहा जाएगा। अनिमेष ने खुद ही इस ISV फॉर्म को तैयार किया है, जिसमें सामान्य KPIs और ISV प्रोग्राम को लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्यसूची शामिल होगी।


    यह सुनिश्चित करने के लिए की ISV प्रोग्राम को लागू करने के दौरान हम अच्छा काम कर रहे हैं, एक अलग से ग्रुप बनाया जाएगा इंडस्ट्रियल मिनिस्ट्री के अधीन जिसका काम ISV प्रोग्राम के लक्ष्य को सुनिश्चित करना होगा।


    इस जानकारी को केवल उन लोगों के साथ साझा किया जाएगा जिन्हें यह जानकरी चाहिए कि ISV प्रोग्राम को लागू करने के दौरान इसकी प्रोग्रेस कैसी चल रही हैं।

     

    ISV प्रोग्राम क्या स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापारों के लिए लागू होता है?


    बिहार में, ISV (इन-स्टेट वैल्यू) प्रोग्राम सभी कॉन्ट्रैक्ट्स, व्यापार, और समझौतों के मूल्यांकन का हिस्सा बनेगा, चाहे वे स्थानीय हों या अंतरराष्ट्रीय। यह सभी को समानता से देखेगा, चाहे वे बिहार से हों या भारत के किसी अन्य हिस्से से हों, या विदेश से हों।

     

    बिहार में ISV प्रोग्राम क्यों महत्वपूर्ण है?

     

    1. निवेश बढ़ाने के लिए :

    ISV प्रोग्राम बिहार के औद्योगिक क्षेत्र में बड़े निवेशों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा, जिससे आर्थिक विकास और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।


    2. अधिकत्तम रोजगार :

    औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करके, ISV प्रोग्राम नौकरी के अवसर पैदा करके, बेरोजगारी की चुनौतियों का समाधान करके और आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।


    3. आर्थिक विविधीकरण :

    ISV प्रोग्राम उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला को बढ़ावा देकर, पारंपरिक क्षेत्रों पर निर्भरता कम करके और आर्थिक विकास को बढ़ाकर बिहार की अर्थव्यवस्था में विविधता लाएगा।


    4. कार्यबल एवं उनका कौशल विकास :

    ISV प्रोग्राम, एक प्रशिक्षण और शिक्षा पहल के माध्यम से एक कुशल कामगार वर्ग की विकास को सुसुनिश्चित करेगा, जिससे व्यक्तियों को आधुनिक उद्योगों के लिए आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान होगी।


    5. उच्च जी डी पी :

    ISV प्रोग्राम का प्रभाव राज्य में बड़े निवेश, नौकरी, और आर्थिक विविधीकरण पर पड़ेगा जो राज्य को सीधे रूप से उच्च ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) की ओर ले जाएगा जिससे राज्य की आर्थिक ताकत को मजबूती मिलेगी।


    6. उच्च रेवेन्यू / टर्नओवर :

    बढ़े हुए औद्योगिक गतिविधियों और आर्थिक विकास के माध्यम से, ISV प्रोग्राम सरकार के लिए उच्च रेवेन्यू / टर्नओवर उत्पन्न करेगा, जिससे राज्य की आवश्यक सेवाओं और बुनियादी संरचना विकास में सरकार को निवेश करने की स्वतंत्रता और शक्ति मिलेगा ।


     

    बिहार में ISV की गणना कैसे होगी?

     

    ISV-बिहार : ISV प्रक्रिया के लिए शुरुआती बिंन्दुओ को तय करने के लिए, किसी भी कंपनी को ISV प्रोग्राम में शामिल होते समय एक सर्वेक्षण फॉर्म भरना होगा।

     

    ISV प्रोग्राम का हिस्सा बनने के बाद, कंपनी को कम से कम 5-साल की योजना राज्य सरकार को बनाकर देनी होगी की कैसे ISV स्कोर में सुधार किया जाएगा अगले ५ वर्षों में । इस योजना में कंपनी को यह दिखाना होगा की वो कैसे बिहार में अपनी उपस्थिति लम्बे समय तक दर्ज करके बिहार राज्य के चौतरफा विकास में सुधार करने का इरादा रखते हुए बिहार राज्ये में अपना व्यापार बढ़ाएंगे।

     

    सभी कंपनी की ISV% की गणना के लिए निम्नलिखित फार्मूला का उपयोग किया जाएगा :


    ISV % = (A + B + C + D + E)/T + X


    यहाँ सभी अक्षरों का विवरण इस प्रकार है:

     

    • A=बिहार में बने माल और सेवाएं पर किया गया खर्च
    • B=बिहार के लोगों को दिया गया वेतन/मुआवजा पर किया गया खर्च
    • C=बिहार के निवासियों दिया गया प्रशिक्षण और उनके विकास पर किया गया खर्च
    • D=बिहार में सप्लायर और वेंडर डिवेलप करने में किया गया कुल खर्च
    • E=बिहार में स्थानीय अनुसंधान और विकास पर किया गया कुल खर्च
    • T=बिहार में खर्च की गयी कुल लागत
    • X = निर्यात / बिहार राज्य के बहार के रेवेन्यू फैक्टर, जिसे निर्यात / बिहार राज्य के बहार के रेवेन्यू को कुल रेवेन्यू से भाग करके प्रतिशत में व्यक्त किया जाएगा, अधिकतम 10% तक।

     

    बिहार में ISV प्रोग्राम से लाभ?


    बिहार में एक स्वतंत्र / आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कई अच्छी चीजें होंगी जी लम्बे समय तक चलेंगी। इनमें शामिल हैं:


    • बिहार में रहने वाले लोगों के लिए गुणवत्ता वाली नौकरियां: ISV प्रोग्राम एक स्वतंत्र / आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के जरिए उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों को बढ़ाने में प्रोत्साहित करेगा।
    • नए और विभिन्न प्रकार के व्यापार और उद्योग: एक स्वतंत्र / आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था से नए व्यापारों और उद्योगों की स्थापना होगी जिससे रोजगार और आर्थिक विविधीकरण में राज्य को सहारा मिलेगा।
    • दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में बेहतर बनना: स्वतंत्र / आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के माध्यम से बिहार में बनने वाली चीजें अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रतिस्पर्धा में मजबूत होगी।
    • सभी व्यापार के लोगों का लाभ: कोई भी कंपनी किसी भी व्यापार के माध्यम से कोई भी चीज बिहार में बनाएगी और बेचेगी, उन सभी कंपनियों को बिहार में ही कुशल कर्मचारी मिलेंगे, जो कारीगरी में बहुत निपुण होंगे।
    • आपूर्तिकर्ताओं को लाभ: सीधे लाभ के अलावा, आपूर्तिकर्ताएं बिहार में एक उच्च कौशल वर्ग का उपयोग कर सकेंगी और बिहार के विकास में उनका योगदान होने के कारण आपूर्तिकर्ताओं को बिहार में कई चीजों में प्राथमिकता दी जाएंगी।
    • ISV प्रोग्राम लागू होने पर पूरे बिहार और यहां तक कि बिहार के बाहर के बाजारों में विस्तार के अवसर बढ़ जाएंगे।

     

    ISV प्रोग्राम कैसे किसी कंपनी को लाभ पहुंचा सकता है?


    • राज्य में निर्माण करने के कारण यदि कंपनी उच्त्तम ISV % स्कोर दर्ज करती है तो उस कंपनी को बिहार राज्य में कई जगहों पर दी जाने वाली प्राथमिकता को सरकार द्वारा मान्यता मिलेगा, जिससे किसी कंपनी को अधिक व्यापार मिलेगा।
    • बढ़े हुए ISV % स्कोर से बिहार में सरकारी और निजी कंपनियों को अधिक व्यवसाय मिलने की संभावना होगी।
    • ISV प्रोग्राम राज्य में एक कुशल और किफायती स्थानीय कार्यबल विकसित करने, वस्तुओं और सेवाओं को स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
    • ISV प्रोग्राम के द्वारा बिहार के अंदर और बाहर साझेदारी के माध्यम से कंपनियों को नए उत्पाद, सेवाएँ और तकनीक विकसित करने में मदद करने में सहायता मिलेगी।
    • ISV प्रोग्राम के द्वारा कंपनी और राज्य दोनों के व्यावसायिक प्रदर्शन में सुधार होगा और राज्य में अधिक विविध अर्थव्यवस्था बनेगी।
    • व्यापार प्रदर्शन में सुधार: यह कार्यक्रम नए उत्पादों, सेवाओं, और प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायक हो सकता है, जिससे व्यापार प्रदर्शन में सुधार हो सकता है और एक और विविध अर्थव्यवस्था हो सकती है।
    • बिहार की उद्यमिता मंत्रालय प्रत्येक कंपनी को एक ISV उपयोगकर्ता खाता प्रदान करेगा। यदि कंपनी को एक और उपयोगकर्ता खाता चाहिए, तो वह एक उचित याचिका के साथ ISV टीम को अग्रिम मूल्यांकन के लिए अनुरोध कर सकती है। कंपनी और सरकार दोनों के पास कंपनी का ISV मूल्यांकन, उपयोगकर्ता खाता और प्रतिवर्ष का ISV स्कोर रहेगा जिससे कंपनी और सरकार दोनों को एक-दुसरे के प्रति ISV की जानकारी और पारदर्शिता रहेगी।

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